cuckold husband
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रिया की कहानी: शर्मीली पत्नी की जागृति रिया एक साधारण सी लड़की थी, जिसकी शादी राहुल से दो साल पहले हुई थी। वह 28 साल की थी, लंबे काले बाल, गोरी त्वचा और एक शर्मीली मुस्कान जो हमेशा उसके चेहरे पर छाई रहती। रिया को हमेशा से ही अपनी बॉडी को लेकर थोड़ी असुरक्षा महसूस होती थी – उसकी कर्वी फिगर, मध्यम साइज के ब्रेस्ट और सॉफ्ट स्किन उसे आकर्षक बनाती थी, लेकिन वह कभी खुलकर अपनी सेक्सुअलिटी एक्सप्लोर नहीं कर पाई। राहुल, उसका पति, 30 साल का था – एक सफल बिजनेसमैन, जो बाहर से तो नॉर्मल लगता था, लेकिन अंदर से एक cuckold फैंटसी रखता था। उसे अपनी पत्नी को किसी दूसरे मर्द के साथ देखने में एक अजीब सा रोमांच मिलता था। लेकिन रिया इतनी शर्मीली थी कि राहुल को उसे मनाने में महीनों लग गए। सब कुछ धीरे-धीरे शुरू हुआ। राहुल ने पहले छोटी-छोटी बातों से शुरुआत की। शाम को डिनर के बाद, जब वे बेड पर लेटे होते, राहुल रिया से पूछता, "क्या कभी सोचा है कि अगर कोई तीसरा इंसान हमारे साथ हो तो कैसा लगेगा?" रिया पहले तो ब्लश कर हंस देती और कहती, "तुम पागल हो गए हो क्या? मैं ऐसी नहीं हूं।" लेकिन राहुल नहीं माना। वह रिया को पॉर्न दिखाता, जहां थ्रीसम की कहानियां होतीं, और धीरे-धीरे रिया की जिज्ञासा जगाने लगा। रिया पहले असहज होती, लेकिन राहुल की मीठी बातों और प्यार भरे स्पर्श से वह थोड़ी-थोड़ी खुलने लगी। "तुम्हें पता है, मुझे तुम्हें खुश देखना अच्छा लगता है। अगर तुम्हें मजा आएगा, तो मुझे भी आएगा," राहुल कहता। रिया को लगता कि शायद यह सिर्फ फैंटसी है, लेकिन राहुल ने प्लान बना लिया था। एक शाम, राहुल ने अपने दोस्त अजय को घर बुलाया। अजय 32 साल का था, हैंडसम, मस्कुलर बॉडी वाला, जो राहुल का पुराना दोस्त था। रिया को पहले से पता नहीं था कि क्या होने वाला है। वे तीनों लिविंग रूम में बैठे, वाइन पी रहे थे। रिया ने एक साधारण साड़ी पहनी थी – लाल रंग की, जो उसके कर्व्स को हल्का-हल्का हाइलाइट कर रही थी। उसकी ब्लाउज टाइट थी, जो उसके ब्रेस्ट को थोड़ा उभार रही थी, और साड़ी का पल्लू उसके कंधे पर लटक रहा था। रिया शर्म से बात कर रही थी, लेकिन वाइन के असर से थोड़ी रिलैक्स हो गई। राहुल ने धीरे से रिया का हाथ पकड़ा और कहा, "आज कुछ नया ट्राई करें?" रिया ने घबरा कर पूछा, "क्या मतलब?" लेकिन राहुल ने अजय की तरफ इशारा किया। अजय मुस्कुराया और रिया के पास आकर बैठ गया। राहुल ने रिया को मनाना शुरू किया। "डरो मत, बेबी। मैं तुम्हारे साथ हूं। यह सिर्फ मजा है।" वह रिया के कंधे पर हाथ फेरने लगा, जबकि अजय रिया की आंखों में देखकर बोला, "तुम बहुत खूबसूरत हो, रिया।" रिया का दिल तेज धड़क रहा था, लेकिन राहुल की बातों से वह सहमत हो गई। वे तीनों बेडरूम में चले गए। कमरे की लाइट्स डिम थीं, और बैकग्राउंड में सॉफ्ट म्यूजिक बज रहा था। राहुल ने रिया को बेड पर बिठाया और उसके होंठों पर किस किया। अजय पास खड़ा देख रहा था, जो राहुल की cuckold फैंटसी को और उत्तेजित कर रहा था। अब विस्तार से रिया के कपड़े उतरने का वर्णन। राहुल ने पहले रिया की साड़ी का पल्लू धीरे से खींचा। पल्लू नीचे गिरा, और रिया की ब्लाउज अब पूरी तरह नजर आ रही थी – सफेद रंग की, जो उसके ब्रेस्ट को टाइटली होल्ड कर रही थी। रिया ने शर्म से अपनी आंखें बंद कर लीं, लेकिन उसके गाल लाल हो गए थे। अजय ने आगे बढ़कर रिया की साड़ी की प्लेट्स को छुआ, धीरे-धीरे उन्हें खोलना शुरू किया। साड़ी की एक-एक प्लेट खुलने के साथ रिया का पेट नजर आने लगा – सॉफ्ट, थोड़ा सा कर्वी, जिस पर हल्की सी नाभि दिख रही थी। राहुल ने रिया के कान में फुसफुसाया, "तुम्हें अच्छा लग रहा है ना?" रिया ने हल्के से सिर हिलाया, लेकिन उसकी सांसें तेज हो गईं। अजय ने साड़ी को पूरी तरह खोल दिया, और वह फर्श पर गिर गई। अब रिया सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। पेटीकोट सफेद था, जो उसके हिप्स को कवर कर रहा था, लेकिन उसकी थाइज का आकार साफ नजर आ रहा था। राहुल ने पीछे से रिया की ब्लाउज के हुक खोलने शुरू किए। पहला हुक खुला, ब्लाउज थोड़ी ढीली हो गई, और रिया के ब्रेस्ट का ऊपरी हिस्सा नजर आने लगा – उसकी ब्रा काली थी, लेस वाली, जो उसके ब्रेस्ट को सपोर्ट कर रही थी। दूसरा हुक खुला, अब ब्लाउज और ढीली, रिया ने अपने हाथों से उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन अजय ने उसके हाथों को पकड़ लिया और धीरे से किस किया। तीसरा हुक खुलते ही ब्लाउज पूरी तरह खुल गई, और राहुल ने उसे रिया के कंधों से सरका दिया। अब रिया ऊपर से सिर्फ ब्रा में थी – उसके ब्रेस्ट हल्के से हिल रहे थे, निपल्स ब्रा के ऊपर से हल्के उभरे हुए। रिया शर्म से अपने ब्रेस्ट को हाथों से ढकने लगी, लेकिन राहुल ने कहा, "नहीं, बेबी, दिखाओ खुद को।" अजय ने अब रिया के पेटीकोट का नाड़ा पकड़ा। धीरे से खींचा, और नाड़ा खुल गया। पेटीकोट नीचे सरकने लगा, रिया की पैंटी नजर आई – मैचिंग काली लेस वाली, जो उसके हिप्स को बमुश्किल कवर कर रही थी। पेटीकोट पूरी तरह नीचे गिर गया, और रिया अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। उसकी थाइज सॉफ्ट और गोरी थीं, हल्की सी चमक के साथ। अजय ने रिया को बेड पर लिटाया, और राहुल ने उसकी ब्रा के स्ट्रैप्स को कंधों से नीचे सरकाया। ब्रा का हुक पीछे से खोला – पहले स्नैप, फिर दूसरा। ब्रा ढीली हो गई, और अजय ने उसे धीरे से आगे से खींचा। रिया के ब्रेस्ट अब पूरी तरह नंगे थे – गोल, फर्म, गुलाबी निपल्स जो उत्तेजना से सख्त हो गए थे। रिया ने एक आह भरी, शर्म और मजा का मिश्रण। आखिर में, अजय ने रिया की पैंटी के किनारों को पकड़ा। धीरे-धीरे नीचे सरकाया – पहले हिप्स से, जहां उसकी स्किन पर हल्का सा मार्क छूट गया। पैंटी नीचे आते ही रिया की शेव्ड पुसी नजर आई – सॉफ्ट, गीली हो चुकी। पैंटी पूरी तरह उतर गई, और रिया अब पूरी तरह नंगी थी। उसकी बॉडी चमक रही थी, पसीने की हल्की परत से। राहुल देख रहा था, उत्तेजित होकर, जबकि अजय रिया को स्पर्श करने लगा। फिर थ्रीसम शुरू हुआ। राहुल ने रिया को किस किया, जबकि अजय उसके ब्रेस्ट को चूस रहा था। धीरे-धीरे, वे तीनों एक-दूसरे में खो गए। रिया पहले असहज थी, लेकिन जल्दी ही मजा लेने लगी – अजय का स्पर्श, राहुल का देखना, सब मिलकर उसे एक नया रोमांच दे रहा था। रिया ने कभी सोचा नहीं था कि उसकी शर्मीली दुनिया इतनी खुल जाएगी, लेकिन अब वह इसमें डूब चुकी थी। राहुल की फैंटसी पूरी हो गई, और रिया को एक नई आजादी मिली।
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एक छोटे से शहर में रहती थी रिया, एक 25 साल की शर्मीली लड़की। वो इतनी शर्माती थी कि घर से बाहर निकलते वक्त भी दुपट्टा लपेटकर चलती, आँखें नीची रखती। उसकी शादी राहुल से हुई थी, जो एक सफल बिजनेसमैन था। राहुल को रिया की ये शर्मीलापन बहुत पसंद था, लेकिन उसके मन में एक अजीब सी ख्वाहिश थी – वो चाहता था कि लोग उसकी बीवी को घूरें, उसकी ब्रा की पट्टी दिखे, उसके बूब्स की शक्ल साफ नजर आए। लड़के उसे गंदी नजरों से देखें, और रिया को ये सब पसंद आने लगे। शुरू में रिया हैरान हुई जब राहुल ने ये बात कही। "तुम पागल हो गए हो? मैं ऐसा कैसे कर सकती हूँ?" वो रोने लगी। लेकिन राहुल ने प्यार से समझाया, "डार्लिंग, ये सिर्फ हमारा सीक्रेट गेम है। तुम्हारी खूबसूरती को दुनिया देखे, और मुझे तुम पर गर्व हो।" धीरे-धीरे राहुल ने उसे मनाया। पहले घर में ही – रिया ने एक टाइट टॉप पहना जिसमें ब्रा की पट्टी कंधे पर दिख रही थी। राहुल ने तारीफ की, "वाह, कितनी सेक्सी लग रही हो!" रिया शर्मा गई, लेकिन अंदर से एक अजीब सी उत्तेजना हुई। फिर बाहर निकले। मॉल में राहुल ने कहा, "दुपट्टा हटा दो।" रिया ने हिचकिचाते हुए हटाया। एक ग्रुप लड़कों ने उसे घूरा – उसकी ब्रा की काली पट्टी साफ दिख रही थी, टॉप से बूब्स की क्लीवेज झलक रही थी। लड़के फुसफुसाए, "यार, क्या माल है!" रिया का चेहरा लाल हो गया, लेकिन राहुल का हाथ पकड़कर वो मुस्कुराई। घर आकर उसने कबूल किया, "मुझे अच्छा लगा... वो नजरें।" अब रिया को आदत पड़ गई। वो जानबूझकर ऐसी ड्रेस पहनती – लो-नेक ब्लाउज, जहां ब्रा की पट्टी हमेशा दिखती। भीड़ वाली जगहों पर जाती – मार्केट, बस स्टैंड। लोग घूरते, कुछ तो सीटी बजाते। रिया शर्मा तो जाती, लेकिन अंदर से मजा आता। राहुल खुश होता, रात को वो दोनों इससे उत्तेजित होकर सेक्स करते। राहुल की आखिरी ख्वाहिश थी – ट्रेन में किसी अनजान लड़के के साथ रिया को सेक्स करते देखना। रिया पहले डर गई, लेकिन अब वो तैयार थी। एक लंबी जर्नी प्लान की। जनरल कोच में चढ़े, भीड़ थी। राहुल ने एक हैंडसम लड़के को चुना – नाम था विक्रम, 28 साल का। राहुल ने रिया को इशारा किया। रिया ने विक्रम के पास जगह बनाई, उसका बदन उससे सटा। ट्रेन हिल रही थी, रिया की ब्रा पट्टी फिर दिख रही थी। विक्रम घूरने लगा। रिया ने शर्माते हुए मुस्कुराया, "हीट लग रही है न?" विक्रम ने हाँ कहा। धीरे-धीरे बातें हुई। राहुल दूर से देख रहा था। रिया ने विक्रम का हाथ अपने बूब्स पर रखा। विक्रम हैरान, लेकिन उत्तेजित। कोच के कोने में, सीट के नीचे, रिया ने अपनी स्कर्ट ऊपर की। विक्रम ने पैंट खोली। भीड़ में कोई नोटिस नहीं कर रहा था। रिया की आँखें राहुल पर थीं – वो मुस्कुरा रहा था। विक्रम ने रिया को चोदा, तेज-तेज। रिया की सिसकारियाँ दब गईं। उसका चेहरा शर्म से लाल, लेकिन खुशी से चमक रहा। ट्रेन रुकी, विक्रम उतर गया। रिया राहुल के पास आई, "पूरा हुआ तुम्हारा सपना?" राहुल ने गले लगाया, "तुम बेस्ट वाइफ हो।" अब रिया की शर्मीलापन खत्म हो गई थी – वो एक्सhibिशनिस्ट बन चुकी थी, और उनका रिश्ता और मजबूत।
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जल्पा की शर्मीली रातें जल्पा एक 23 साल की नवविवाहित लड़की थी। उसकी शादी को अभी छह महीने ही हुए थे। वह बेहद शर्मीली स्वभाव की थी – बात करते वक्त आँखें झुका लेती, हँसते वक्त हाथ से मुँह ढँक लेती। उसका पति, रोहन, एक अजीब शौक रखता था। वह खुद को ककोल्ड मानता था। उसे अपनी पत्नी को किसी और के साथ देखने में मजा आता था। शुरू में जल्पा को यह बात अजीब लगी, लेकिन रोहन की जिद और प्यार ने उसे मानने पर मजबूर कर दिया। रोहन का भतीजा निकुंज 19 साल का था। वह जल्पा को मामी बुलाता था। निकुंज हैंडसम था, कॉलेज में पढ़ता था और जल्पा से हमेशा मजाक करता रहता। रोहन को लगा कि निकुंज परफेक्ट रहेगा। लेकिन निकुंज शर्मीला था, इसलिए रोहन ने अपनी दोस्त शीतल को प्लान में शामिल किया। शीतल बोल्ड थी, खुली सोच वाली। रोहन ने उसे कहा, "शीतल, निकुंज को जल्पा की तरफ आकर्षित करो। उसे बहकाओ, ताकि वह मामी को seduce करे।" शीतल हँस पड़ी। "ठीक है, रोहन। मैं निकुंज को तैयार कर दूँगी। वह तो पहले से ही मामी को घूरता रहता है।" एक शाम, शीतल निकुंज के पास गई। कॉलेज के बाद कैफे में मिले। शीतल ने टाइट ड्रेस पहनी थी, बाल खुले थे। "निकुंज, तेरी मामी कितनी क्यूट हैं ना? शर्मीली-शर्मीली। तू उन्हें कभी प्रपोज किया?" निकुंज शर्मा गया, "अरे दीदी, क्या बात कर रही हो? मामी हैं वो।" शीतल ने उसका हाथ पकड़ा। "देख, लड़के हैं तू। मामी जैसी हॉट लड़की को miss मत कर। मैं मदद करूँगी। अगले हफ्ते हम सब ट्रिप पर जा रहे हैं – हिल स्टेशन। वहाँ मौका मिलेगा। मैं जल्पा मामी को भी तैयार कर दूँगी।" निकुंज की आँखें चमक उठीं। शीतल ने उसे किस करना सिखाया, टच करना बताया। रात भर मैसेजेस चले। निकुंज अब तैयार था। रोहन ने जल्पा से कहा, "दार्लिंग, निकुंज और शीतल के साथ वीकेंड ट्रिप प्लान की है। मसूरी। तू चलना?" जल्पा शर्मा गई। "लेकिन... निकुंज मामी बुलाता है, अंकल जैसे हो तुम।" रोहन ने उसे गले लगाया। "बस यही मजा है। मैं चाहता हूँ तू निकुंज के साथ क्लोज हो। उसे seduce होने दे। मैं देखूँगा, एक्साइटेड होऊँगा।" जल्पा की साँसें तेज हो गईं। वह शर्म से लाल हो गई, लेकिन रोहन की आँखों में चाह देखकर मान गई। "ठीक है... लेकिन धीरे-धीरे।" ट्रिप का दिन आया। चारों कार में बैठे – रोहन ड्राइव कर रहा था, शीतल आगे, जल्पा और निकुंज पीछे। जल्पा ने साड़ी पहनी थी, लाल रंग की, जो उसके गोरे बदन पर चमक रही थी। निकुंज बार-बार उसे देख रहा था। शीतल ने पीछे मुड़कर आँख मारी। रास्ते में होटल पहुँचे। दो रूम बुक थे – एक रोहन और जल्पा का, दूसरा निकुंज और शीतल का। लेकिन प्लान कुछ और था। शाम को बोनफायर। शीतल ने जल्पा को वाइन पिलाई। "मामी, रिलैक्स करो। निकुंज तुम्हें पसंद करता है।" जल्पा शर्मा कर बोली, "नहीं... वह तो बच्चा है।" निकुंज पास बैठ गया। "मामी, आप बहुत सुंदर हो।" उसने जल्पा का हाथ पकड़ा। जल्पा की उँगलियाँ काँप रही थीं, लेकिन उसने हाथ नहीं छुड़ाया। रोहन दूर से देख रहा था, मुस्कुरा रहा था। रात को, शीतल ने निकुंज को जल्पा के रूम में भेजा। "जा, अब टाइम है।" जल्पा बेड पर बैठी थी, नाइट गाउन में। दरवाजा खुला। निकुंज अंदर आया। "मामी... मैं... सो नहीं पा रहा।" जल्पा की आँखें झुकीं। "क्या हुआ बेटा?" निकुंज पास बैठा, उसका कंधा छुआ। "आपके बारे में सोच रहा हूँ।" जल्पा की साँसें तेज। निकुंज ने धीरे से उसका गाल छुआ। "मामी, प्लीज... एक बार।" जल्पा शर्म से मर रही थी, लेकिन रोहन की बात याद आई। उसने आँखें बंद कर लीं। निकुंज ने उसे किस किया। पहले होंठों पर, फिर गर्दन पर। जल्पा की बॉडी में currents दौड़ गए। "निकुंज... धीरे... कोई देख लेगा।" लेकिन निकुंज नहीं रुका। उसने जल्पा की गाउन उतारी। उसके स्तन बाहर आ गए – गोल, मुलायम। निकुंज ने उन्हें चूमा, चूसा। जल्पा सिसकारी, "आह... मामी को शर्म आ रही है।" निकुंज ने अपना पैंट उतारा। उसका लंड खड़ा था, जल्पा से बड़ा। जल्पा ने पहली बार किसी और का देखा। उसने हाथ से छुआ, शर्म से मुँह फेर लिया। निकुंज ने उसे लिटाया, पैर फैलाए। "मामी, मैं अंदर डालूँ?" जल्पा ने सिर हिलाया। निकुंज धीरे से घुसा। जल्पा की चीख निकली, लेकिन दर्द में मजा था। "आह... निकुंज... तेरे अंकल से बड़ा है।" वे रात भर चले। निकुंज ने उसे डॉगी स्टाइल में लिया, जल्पा की गांड पीटी। जल्पा चिल्लाई, "हाँ... और जोर से।" रोहन बाहर से सुन रहा था, मुस्कुरा रहा था। सुबह शीतल आई, हँसी। "कैसा लगा, मामी?" जल्पा शर्मा कर बोली, "अब आदत पड़ गई।" ट्रिप के बाद, निकुंज घर आता रहा। जल्पा अब शर्माती कम थी। रोहन खुश था – उसका ककोल्ड ड्रीम पूरा हो गया। और जल्पा? उसे नया मजा मिल गया था।
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शीतल की कहानी शीतल 23 साल की एक नवविवाहित युवती थी। उसकी शादी को अभी छह महीने ही हुए थे। उसका पति राहुल एक सफल बिजनेसमैन था, लेकिन उसकी एक अजीब सी इच्छा थी – वह ककोल्ड था। राहुल को यह पसंद था कि उसकी पत्नी किसी और मर्द के साथ अंतरंग हो, और वह खुद इसे देखकर या जानकर उत्तेजित हो। शीतल शुरू में हैरान थी, लेकिन धीरे-धीरे वह इस खेल में शामिल हो गई। राहुल ने उसे बताया कि उसका भतीजा निकुंज, जो 25 साल का था और उसे 'मामी' कहकर बुलाता था, बहुत आकर्षक है। निकुंज शहर में ही रहता था और राहुल का करीबी रिश्तेदार था। एक शाम राहुल ने शीतल से कहा, "सुनो शीतल, मैं चाहता हूं कि तुम निकुंज को seduce करो। वह तुम्हें मामी कहता है, लेकिन मैं जानता हूं कि वह तुम्हारी तरफ आकर्षित है। आइए एक ट्रिप प्लान करें – हम तीनों मिलकर कहीं घूमने जाएं। तुम उसे अपने जाल में फंसाओ, और मैं खुश हो जाऊंगा।" शीतल ने मुस्कुराते हुए कहा, "ठीक है, जैसी तुम्हारी इच्छा। मैं कोशिश करूंगी।" वह जानती थी कि निकुंज उसे देखते ही शर्मा जाता है, और उसकी नजरें उसकी कमर और छातियों पर ठहर जाती हैं। अगले हफ्ते उन्होंने एक हिल स्टेशन की ट्रिप प्लान की। निकुंज को बुलाया गया। "मामी, आप भी चल रही हैं? वाह, मजा आएगा!" निकुंज ने फोन पर उत्साह से कहा। शीतल ने हंसकर जवाब दिया, "हां बेटा, मामी तो तुम्हारे साथ ही मजा करेगी।" ट्रिप पर पहुंचते ही मौसम रोमांटिक हो गया। पहाड़ों की ठंडी हवा, कोहरा और एकांत। राहुल ने जानबूझकर निकुंज और शीतल को अकेला छोड़ दिया। "मैं थक गया हूं, तुम दोनों घूम आओ," उसने कहा और होटल में आराम करने चला गया। शीतल ने एक टाइट स्वेटर और जींस पहनी थी, जो उसके कर्व्स को उभार रही थी। निकुंज के साथ वॉक पर निकली। "निकुंज, तुम्हें मामी कैसी लगती है?" शीतल ने शरारत से पूछा। निकुंज शर्मा गया, "मामी, आप बहुत खूबसूरत हैं। मामा को तो लॉटरी लग गई।" शीतल ने उसके करीब आकर कहा, "बस मामा को? तुम्हें नहीं लगता कि मामी तुम्हारे लिए भी कुछ कर सकती है?" उसने निकुंज का हाथ पकड़ा और जंगल की ओर ले गई। वहां एकांत में उन्होंने किस करना शुरू कर दिया। निकुंज की सांसें तेज हो गईं। "मामी, ये गलत है..." लेकिन शीतल ने उसे चुप कराते हुए कहा, "शशश... मामा को पता है, वे खुश हैं।" धीरे-धीरे शीतल ने निकुंज को seduce कर लिया। उन्होंने पेड़ के पीछे अंतरंग पल बिताए। शीतल की उत्तेजना चरम पर थी, और निकुंज पहली बार किसी औरत के इतने करीब था। शीतल ने उसके साथ सब कुछ किया – किस, छूना, और आखिर में पूरा संबंध। निकुंज बार-बार कहता रहा, "मामी, आप अद्भुत हैं!" रात को होटल लौटे तो राहुल मुस्कुरा रहा था। "कैसा रहा?" उसने पूछा। शीतल ने आंख मारते हुए कहा, "तुम्हारी इच्छा पूरी हो गई।" निकुंज शर्मा रहा था, लेकिन अब वह शीतल को एक नई नजर से देखता था। ट्रिप के बाद भी यह सिलसिला चला। राहुल खुश था, शीतल संतुष्ट, और निकुंज का नया शौक बन गया – अपनी मामी के साथ छिपे पल।
